विनम्र श्रद्धांजलिः केसरी नाथ त्रिपाठी
10 नवंबर 1934 को जन्मे और 8 जनवरी 2023 को हमें छोड़कर जानेवाले श्री केसरीनाथ त्रिपाठी जी का जाना, एक मित्र और हितैषी का जाना है, विशेषकर हम ब्रिटेन के हिन्दी प्रेमियों के लिए। कविता की यात्रा 1998 से...
View Article‘वातायन-यूके प्रवासी संगोष्ठी-११८’—शैल अग्रवाल के दो कथा-संग्रहों का लोकार्पण...
Updated on 12 Sep, 2022 04:23 PM IST BY WEWITNESSNEWS.COM KooApp लन्दन, दिनांक ११-०९-२०२२ : लन्दन से संचालित ‘वातायन मंच’ के अंतर्गत दिनांक : ०९-०९-२०२२ को प्रतिष्ठित प्रवासी कथाकार शैल अग्रवाल के दो...
View Articleफलित ज्योतिष भारतीय परंपरा नहीं, पश्चिमी अंधविश्वास है-चन्द्रकांत राजू
बीस साल पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने वैदिक ज्योतिष पढ़ाने की ठानी थी। इसके लिए सोलह विश्वविद्यालयों में ज्योतिष विभाग खोलने की योजना बनी थी। इसका बहुत विरोध हुआ था। दिवंगत कपिला...
View Articleअनिता रश्मि के कथा संग्रह का लोकार्पण सह चर्चा संपन्न
अनिता रश्मि के नव्यतम कथा संग्रह “हवा का झोंका थी वह” का लोकार्पण प्रभात प्रकाशन के सभागार में संपन्न हुआ। पुस्तक प्रभात प्रकाशन ने प्रकाशित की है। यह लेखिका का छट्ठा कथा संग्रह (14वीं पुस्तक) है। “हर...
View Articleकविकुंभ शब्दोत्सव-2023 एवं स्वयं सिद्धा सम्मान
साहित्यिक मासिक ‘कविकुंभ’ का सातवां वार्षिक दो दिवसीय ‘शब्दोत्सव’ पिछले दिनो डीआईटी यूनिवर्सिटी देहरादून (उत्तराखण्ड) के वेदांता ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। पहले दिन मुख्य अतिथि डीआईटी चांसलर एन....
View Articleअदम्य जीवन शक्ति के वारिसः सिन्धी
सिन्धु के प्रवाह में जन्मी हैं सिन्धी संस्कृति और अदम्य जीवन-शक्ति के वारिस हैं सिन्धी। विभाजन के रेगिस्तान में रास्ता बनाता चला आ रहा है सिन्धी साहित्य। सिन्धी, सिन्धु घाटी सभ्यता के मानव जाति के...
View Articleहिंदी के सार्वभौमिकीकरण पर बल दिया जाए: संतोष चौबे
लंदन, 09 दिसंबर 2023: वातायन-यूके के तत्वावधान में संगोष्ठी-161 के अंतर्गत रविंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे के साहित्यिक अवदान और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में उनके योगदान...
View Articleएकदिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न:हैदराबाद, 29 दिसंबर, 2023 (मीडिया...
पाठ लेखन के समय लेखक को स्वयं शिक्षार्थी लर्नर बनना ही होगा – प्रो. गोपाल शर्मा “एस एल एम (सेल्फ लर्निंग मेटीरियल) या स्व-अध्ययन सामग्री ऐसी सामग्री है जिसे आदि से लेकर अंत तक छात्रकेंद्रित होना चाहिए।...
View Articleविनम्र श्रद्धांजलिः नरेन्द्र ग्रोवर जी।
नरेन्द्र गोवर 3 अप्रैल 1937- 12 फरवरी 2024. बरमिंघम का एक मुस्कुराता चेहरा और सहृदय इन्सान व उम्दा गीतकार नरेन्द्र ग्रोवर जी हमें 12 फरवरी को अलविदा कह गए। बरमिंघम वासी होने की वजह से कई यादें हैं...
View Article22 वाँ अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन कोलंबो श्रीलंका में संपन्न
राम किसी दिव्य पुरुष का नाम नहीं है । राम मनुष्य की आस्था, शक्ति और सौंदर्य का उज्ज्वल नाम है । यह भी सत्य है कि राम मूर्तियों में नहीं, हमारे जीवन में हैं । जीवन में व्याप्त इसी राम को एक विज्ञापन का...
View Articleपलटवारः एक चेतावनी
आज रविवार की इत्मीनान वाली सुबह में घर की बालकनी में हल्की ठंडक के बीच गरम चाय की चुस्कियां लेते हुए अखबार पढ़ रहे थे| अन्दर के किसी चौथे पांचवे प्रष्ठ पर छपी एक छोटी सी ख़बर को पढ़ कर पहले आगे बढ़ गए| फिर...
View Articleभाषा विमर्षः राजस्थानी
जिस भाषा के पास ढाई लाख शब्द का विशद कोष हो ,,जो भाषा पांच करोड़ लोगों की जुबान पर हो ,,जिसका अपना विपुल साहित्य हो ,,जिसका गौरवमयी इतिहास हो ,,,जिसे केंद्रीय साहित्य अकादमी ने भाषा के रूप में स्वीकार...
View Articleसिद्धनाथ कुमार स्मृति सम्मान समारोह संपन्न
“लेखन एक तपस्या है, जिसमें जलकर लेखक कुंदन बनता है। आज जिन लेखकों को सम्मान मिल रहा है, उन्होंने अपने लंबे संघर्ष और निष्ठा से यह मुकाम हासिल किया है।” डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने स्पेनिन द्वारा आयोजित डॉ....
View Articleबेंगलूरू से अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय द्वारा चौथी साहित्यिक-सांस्कृतिक यात्रा...
अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा आयोजित दो दिवसीय वार्षिक महोत्सव सह साहित्यिक महाकुंभ में पूरे देश से साहित्यकार पधारे और विभिन्न सत्रों में अपनी रचनाशीलता का जौहर दिखाया। साल्टलेक के सीजे ब्लॉक...
View Articleभारत के गौरव पुंजः रतन टाटा
कुछ भी शेष नहीं.रहता बस यादें रह जाती हैं। अब शेष रही यादों में रतन टाटा की उज्वल मानवीय छवि देश के हृदय में .अंकित रह गई है। जमशेदपुर. टाटानगर ने सही अर्थों में अपने गौरव का प्रतीक. #भारत #रत्न खो...
View Articleविश्व हिन्दी दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ
मैं हिन्दी ——— हिन्द की हिन्दी हिन्द का हिन्दू जैसे उड़ती जाए खुशबू डाल से टूटी पत्ती-सी सुदूर किनारों पर जा पहुँची देखा जब अजबनियों ने वही रूप रंग और खुशबू पूछा तुरंत-‘हिन्द की?’ भरपूर उदासी में भी...
View Article‘ग्रहण काल एवं अन्य कविताएँ’ का विमोचन संपन्न
उद्वेलन एवं संवेदनाओं की कविताएँ : प्रो. बी. एल. आच्छा सरल शब्दों में गहन विषयों को व्यक्त करना आसान नहीं : गोविंदराजन चेन्नै, 11 जनवरी, 2025 (प्रेस विज्ञप्ति) ‘डॉ रज़िया बेगम की कविताएँ सरल एवं सहज...
View Articleशैल अग्रवाल जी की कहानियाँ सहज रूप में प्रभावित करती हैं प्रो. सुरेन्द्र प्रताप
साहित्यिक संघ, वाराणसी, राजकीय पुस्तकालय, वाराणसी एवं विद्याश्री न्यास द्वारा आयोजित इंग्लैण्ड की वरिष्ठ कवि-कथाकार शैल अग्रवाल के रचना-पाठ पर केन्द्रित संगोष्ठी में अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए प्रो....
View Articleनमन शहीदों को-पद्मा मिश्रा
मेरी जलियांवाला बाग की यात्रा, रोमांचक और अविस्मरणीय यात्रा थी..अपने विगत को करीब से प्रत्यक्ष देखने और अनुभव करने का पहला अवसर था। हमारी पीढी ने आजादी के बाद का सूरज देखा था.स्वतंत्रता के संघर्ष में...
View Article“ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश में बही साहित्य की गंगा”
शिक्षा, साहित्य एवं पारम्परिक भारतीय मूल्यों को समर्पित संस्था ‘हिंदी लेखक संघ तथा अद्विक प्रकाशन के संयुक्त तत्वाधान में ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र’ के ग्रेटर नॉएडा में दिनांक 11 मई 2025 को “पुस्तक...
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