मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, जिला इकाई छिन्दवाडा द्वारा “प्रतिभा प्रोत्साहन प्रतियोगिताओं” एवं “वार्षिकोत्सव” का आयोजन स्थानीय उत्कृष्ठ विद्यालय छिन्दवाडा में ख्यातनाम साहित्यकार डा.कौशलकिशोर श्रीवास्तव (पूर्व सिविल सर्जन) की अध्यक्षता में तथा शिक्षा जगत की ख्यातनाम हस्तियां – श्री आर.एम. आनदेव (पूर्व प्राचार्य), श्री. बी.के.विद्यालंकार( पूर्व प्राचार्य), डा.श्री पी.आर.चंदेलकर ( प्राचार्य शास.स्वशासी महाविद्यालय) की गरिमामय़ उपस्थिति में संपन्न हुआ. इसी गौरवशाली मंच से जिले के गौरव, समाजसेवी, एवं वन्यप्राणी संरक्षक एवं ज्ञानज्योति उच्च.मा.विद्यालय के प्राचार्य श्री विनोद तिवारी तथा शिक्षा के क्षेत्र में नित नए सोपान गढने वाले तथा साहित्य के क्षेत्र में जिले का नाम रोशन करने वाले युवा रचनाकार श्री दिनेश भट्ट को शाल ओढाकर तथा श्रीफ़ल देकर “सारस्वत सम्मान” से सम्मानित किया गया.
समिति द्वारा आयोजित काव्यपाठ, साहित्यिक अंत्याक्षरी, वाद-विवाद तथा एकल लोकगीत गायन प्रतियोगिताओं में जिले के छात्र/छात्राओं ने बडी संख्या में उत्साहपूर्वक भाग लिया. समिति के अध्यक्ष श्री गोवर्धन यादव ने राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के क्रियाकलापों तथ उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि” राष्ट्रभाषा हिन्दी संपूर्ण भारतवर्ष में संपर्क भाषा के रुप में बोली जा रही है. इतना ही नहीं, यह लगभग 165 विदेशी विश्वविद्यालयों में पढाई भी जा रही है. आज हिन्दी विश्व की तीसरी सबसे बडी भाषा के रुप में अपना स्थान बना चुकी है. सरकार भले ही इसे “राष्ट्रभाषा” का दर्जा नहीं दे पायी, परन्तु यह अपने बलबूते पर विश्व-भाषा बन चुकी है”. कार्यक्रम का संचालन समिति के कर्मठ सचिव श्री नर्मदाप्रसाद कोरी ने सफ़लतापूर्वक किया
श्री पी.आर.चंदेलकर ने अपने उद्बोधन में कहा-“देश के आजाद होने के पश्चात भाषाई षडयंत्र के तहत अंग्रेजी को महत्व दिया जा रहा है. इस षडयंत्र को हमें समझना होगा. हिन्दी ही एकमात्र ऎसी भाषा है जो हमारी संवेदनाओं को अभिव्यक्त कर सकती है.” श्री बी.के.विद्यालंकार ने कहा-“ हिन्दी हमें मातृभाषा, भारतीय संस्कृति, सभ्यता और मातृभूमि की किस तरह सेवा की जानी चाहिए, सिखाती है”. श्री आनदेव ने कहा-“ हिन्दी के विश्वव्यापि प्रचार-प्रसार में कहीं शुद्ध हिन्दी विलुप्त न हो जाए. इसीलिए शुद्ध हिन्दी शब्दों का उपयोग भी आवश्यक है, अन्यथा हिन्दी अंग्रेजी और उर्दू की खिचडी बनकर न रह जाए.”. डा. कौशलकिशोर श्रीवास्तव ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा-“ हिन्दी एक लोकाश्रयी भाषा रही है. इसे कभी राज्याश्रय नहीं मिला, बावजूद इसके वह पूरे विश्व में तेजी से फ़ैल रही है”.
इस कार्यक्रम में जिले के साहित्यकार, पत्रकार, शिक्षाविद, समाजसेवी, एवं,प्रबुद्ध गणमान्य नागरिकों सहित बडी संख्या में श्रोताओं ने भाग लिया. समिति के वित्त-सचिव श्री संजय मोहोड ने अपनी सक्रीय भागीदारी देकर मंच की व्यवस्था को सुदृढ किया., वहीं कार्यक्रम के समापन पर सभी साहित्यकारॊ साहित विद्वतजनों के प्रति आभार प्रकट किया.
मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति,जिला इकाई छिन्दवाडा(म.प्र.) 480001
गोवर्धन यादव
(अध्यक्ष म.प्र.रा.भा.प्र. समिति)
समिति द्वारा आयोजित काव्यपाठ, वाद-विवाद, साहित्यिक अंत्याक्षरी तथा एकल लोकगीत गायन प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त छात्र/छात्राओं को स्मृति-चिन्ह, प्रमाणपत्र तथा कथा-सम्राट मुंशी प्रेमचन्द का साहित्य देकर सम्मानित किया गया.
इन्हें मिला पुरस्कार:-
देशभक्ति पर आधारित काव्य पाठ में प्रथम,द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त प्रतियोगियों के नाम———–(प्रथम)—श्री फ़ैजान/शेख सब्बीर मंसूरी (द्वितीय) श्री गौरांगी मिश्रा (पुत्री) श्री राजेन्द्र मिश्रा राही (तृतीय) कु.अंकिता राने.
-विवाद प्रतियोगिता में पक्ष तथा विपक्ष में बोलते हुए प्रथम,द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त प्रतियोगियों के नाम
-(पक्ष) संजीदा खान (प्रथम), आरती नागवंशी (द्वितीय)
(विपक्ष)—–मंयाम मिश्रा/जय वर्मा/ग्रेसी जैअन/ सौरभ खानवानी/मनीष कुमार/ आभिषेक कुमार———————————————————————————————-
साहित्यिक अंत्याक्षरी में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त प्रतियोगियों के नाम———————–(प्रथम) आभिषेक (पुत्र? अशोक (२) द्वितीय श्री रोहित/अशोक श्रीवास
एकल लोकगीत गायन प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त प्रतियोगियों के नाम———-(प्रथम)-रोहित/अशोक-(द्वितीय) पल्लवी/बैसाखूलाल रजक(३) शिखा/गंगाराम सल्लाम शेष अन्य छात्र/छात्राओं को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया.
गोवर्धन यादव (अध्यक्ष. म.प्र.रा.भा.प्र.समिति,छिंदवाडा)